मंजू को मासी की बेटे राहुल की शादी का न्योता मिला तो वह सहर्ष तैयार हो गई । मंजू के मासी का बेटा यानी उनका मौसेरा भाई राहुल उम्र में मंजू से काफी छोटा था। मंजू सपरिवार अपनी सभी मौसेरी ममेरी बहनों के साथ पहुंच गई अपनी मासी के घर । चारों तरफ आनंद और हर्षोल्लास का माहौल था।
मासी जी ने मंजू और दामाद जी का बहुत अच्छा स्वागत किया । विवाह की सब रस्म आरंभ हो चुकी थी। भाई की हल्दी मेहंदी में जमकर हुल्लड़ हुआ । अब बारी आई वधू के सुहाग पिटारे के रस्म की । हम सभी भाभियां बहने तैयार हो गए और पहुंच गए सुहाग पिटारा लेकर जनवासे । सुहाग पिटारे में सारी बहनें और भाभीयां जाते हैं यह रस्म करने के लिए। जनवासे पहुंचते ही वधू पक्ष के लोगों ने वर पक्ष के लोगों के लिए नाश्ते पानी का बहुत अच्छा प्रबंध कर के रखा था और वे सभी हम बहनों भाभियों की खातिरदारी में लग गए।
लड़की वालों की ओर से कुछ लड़कियां इधर से उधर चहकते फिर रही थी । सभी ने पीले रंग के कपड़े पहन रखे थे साथ में सभी लड़कियों ने पीले रंग का गोटे के फूल वाला मांग टीका भी लगा रखा था । बहुत ही प्यारी सभी लड़कियां लग रही थी।
तभी मंजू के मामा की लड़की सुनीता मंजू के कान में फुसफुसाते हुए बोली , "दीदी वह लड़की देख रही हो ...
"कौन सी लड़की...?
"अरे वह जो पीले रंग की साड़ी पहने हैं...
मंजू ने नजरें उठाकर उस लड़की को देखा , जो प्लेट में खाना लिए खा रही थी और साथ ही कुछ और लड़कियों के साथ मुस्कुराते हुए बातें कर रही थी ।
"हां देखा पर क्या हुआ सुनीता...?
"अरे जीजी यही है अपने राहुल की होने वाली बीवी रोशनी...।
"अच्छा यह तो बड़ी प्यारी है और देख ना सुनीता कितनी छोटी भी लग रही है...."
"अरे जीजी नई दुल्हन को ऐसे लड़कों वालों के सामने घूमना फिरना थोड़ी ना चाहिए कोई लाज शर्म है ही नहीं .. यूं विवाह के पहले लड़के वालों के सामने आने पर क्या रौनक रहेगी नई दुल्हन के चेहरे पर इसको देखो कैसे हंस बोल रही है इधर से उधर घूम रही है । जीजी हम बता रहे हैं यह बहुत तेज लग रही है पता नहीं शादी के बाद क्या गुल खिलाएगी" सुनीता बड़े बूढ़ों की तरह पंचायती लहजे में अपनी राय मंजू के सामने रख उसके जवाब की प्रतीक्षा करने लगी....।
मंजू सुनीता के आंखों में इतना आश्चर्य देखकर मुस्कुराते हुए बोली," देख सुनीता अब जमाना बहुत बदल गया है हमारी शादियों को भी बीस वर्ष बीत चुके हैं , यह आज की पीढ़ी की अपने पैरों पर खड़ी पढ़ी-लिखी लड़कियां है जो अपनी पसंद से विवाह भी करती हैं और अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव को अपनी मनमर्जी से जीती भी है और क्यों ना जिएं ... विवाह कोई बार-बार तो नहीं होता ना.. विवाह का संबंध खुशियों से होता है ना, तो वह क्यों ना खुशियां मनाएं अपने "पिया बसंती रे" के लिए ।
उनको पूरा हक है अपने विवाह की सभी रस्मों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का और उन रस्मों का आनंद उठाने का। आखिर राहुल भी तो अपने विवाह की सभी रस्मों का आनंद उठा रहा है ना तो रोशनी क्यों नहीं ...?
देखो सुनीता दुनिया बदल रही है तुम भी अपनी सोच बदलो और नए नजरिए से दुनिया देखो। आज की जनरेशन के साथ तालमेल बिठा कर देखो फिर तुम भी खुश और वह भी खुश। ठीक कह रही हूं ना ! चल अब हम दोनों रोशनी से मिलकर आते हैं" कहते हुए मंजू मुस्कुराती हुई सुनीता का हाथ पकड़कर रोशनी से मिलने चली गई और उसे गले लगाकर ढेरों ढेरों आशीर्वाद दे डाले ।
©️®️Monika_khanna
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