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Moni Sharma
Moni Sharma 04 May, 2020 | 1 min read

बच्चे तो हर घर में होते ही हैं तो हर मां-बाप का यह दायित्व होता है," कि बचपन से ही अपने बच्चों को जीवन के तौर तरीके में डाल दिया जाए तो आगे चलकर परेशानी नहीं होती"।

बच्चा और बचपन क्या हैं ?

इसे समझने के लिए अगर हम पड़ाव दर पड़ाव बात करें तो ज्यादा अच्छा होगा।

बच्चा पैदा होने पर वह 1 से 5 वर्ष तक शैशवावस्था में कहलाता है। 5 से 12 वर्ष तक बाल्यावस्था कहलाती है । 12 वर्ष से 20 वर्ष तक किशोरावस्था कहलाती है।

जैसे-जैसे एक बच्चा समय के साथ साथ बढ़ता चला जाता है यह अवस्थाएं भी बढ़ती चली जाती है।

शैशवावस्था का चरण:

हम सबसे पहले अव्यवस्था यानि "शैशवावस्था" के बारे में जानेंगे। इस अवस्था में बच्चा परिपक्व होता हैं। वह पूर्ण रूप से अपनी माता पर निर्भर रहता है।इसमें बच्चे अपने शारीरिक प्रतिक्रियाएं दिखाते हैं! जैसे:

  • हंसना

  • रोना

  • गुस्सा दिखाना

भूख लगने पर, दर्द होने पर रोना और अकेले मुस्कुराना । यह प्रक्रिया 1 माह से 3 माह तक चलती है क्योंकि शुरुआती महीनों में वह देख और सुनने इंद्री विकसित नहीं हुई होती है ।

3 माह के बाद उसे देखना और सुनाई देना शुरू होता है। तब अपना ध्यान वस्तुओं पर केंद्रित करता है, उनको पकड़ने की कोशिश करता है 4 माह में में वस्तुओं को पकड़ने और संवेगो की स्पष्ट अभिव्यक्ति करने लग जाता है। इस अवस्था में विकास की गति तीव्र होती है इस अवस्था में होने वाले परिवर्तन मुख्यतः शरीरिक होते हैं । जैसे-जैसे समय बढ़ता चला जाता है, बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास भी होता चला जाता है।

बाल्यावस्था का चरण:

यह चरण 5 वर्ष से 12 वर्ष की आयु में आता है। इस अवस्था में बच्चे का शारिरिक और मानसिक रूप से हष्ट पुष्ट हो चुका होता है। अब वह कुछ-कुछ बातों पर आत्मनिर्भर भी होता है।इस अवस्था में बच्चे का आधारभूत दृष्टिकोण मूल्य और आदर्शों की बहुत सीमा तक निर्माण हो चुका होता है।

  • बच्चा अपनी पसंद नापसंद जान जाता है।

  • क्या खाना है? क्या नहीं खाना ?, क्या पहनना ? और क्या नहीं.......

  • अच्छे बुरे की पहचान।

महत्वपूर्ण चीज जो विकसित होती है,"वह हैं-"जिज्ञासा"। उसके मन में बहुत से प्रशन होते हैं जैसे:- क्यों, कब, कैसे आदि।

किशोरावस्था का चरण:

यह अवस्था 12 वर्ष से 20 वर्ष तक होती है। इसमें शारीरिक विकास संपूर्ण हो चुका होता है। इस अवस्था में तीव्र मानसिकता का विकास होता है।

  • सभी प्रकार की सौंदर्य की रुचि उत्पन्न होती है ।

  • भविष्य में जो कुछ होता है उसकी पूरी रूपरेखा उसकी किशोरावस्था में बन जाती है।

  • इस अवस्था में जो स्वपन कोई किशोर और दे्खता है।तो वह फिर उसको परिपूर्ण करने की दिशा में चल पड़ता है।

दोस्तों मेरे अगले आर्टिकल्स में मैं इन अवस्था में क्या-क्या होता है और हमें क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि हमारे बच्चों का भविष्य निखर के आए। मेरे आर्टिकल्स पढ़ने के लिए मुझे फॉलो जरूर करें और paperwiff से जुड़े रहे।

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