आज की जो स्थितियां-परिस्थितियां हैं ।इस वजह से मैं घर में लॉकडाउन होकर रह गई हूं । मुझे सबसे ज्यादा याद आता है अपने स्कूल और स्कूल के बच्चे की।
प्रतिदिन की यह दिनचर्य में पता ही नहीं चलता था, कब हमने क्या किया? कब घर आए? और कब अगला दिन शुरू हो गया।
इस प्रकार अपने स्कूल और विद्यार्थियों के साथ बहुत अच्छे रिश्ते बन गए हैं। जी ने जा कर दी ठुकराया नहीं जा सकता।
जब मेरे विद्यार्थियों का मुझे फोन आता है ,"कि मैंम हम घर में बहुत बोर होते हैं, हम स्कूल को बहुत मिस कर रहे हैं। तब मेरा दिल अंदर से बहुत रोता है कि मैं बच्चे कुछ नहीं कर सकती मैं भी इस घड़ी में मजबूर हूं।
लॉक डाउन खुलते ही और स्थिति सामान्य होते ही मैं सबसे पहले अपने विद्यार्थियों से मिलना चाहिए। लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है अपना और अपनों का ख्याल रखना। परंतु जो खास होते हैं उनकी तो याद आ ही जाती है। घर में रहे अपना ख्याल रखें बहुत जल्द मिलेंगे।
धन्यवाद
मोनी शर्मा
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