सासूमाँ

Short story on saas bahu cooperation

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Sunita Pawar
Sunita Pawar 31 May, 2020 | 0 mins read

"आपदा का समय है, मैं डॉक्टर भी हूँ, माँ भी हूँ, दो छोटे बच्चे घर पर हैं, मैं घर नहीं जा सकती, कैसे रहेंगे मेरे बिना"रिया इन ख्यालों में खोई हुई थी कि अचानक फोन की घण्टी ने उसकी तन्द्रा भंग की।


"बेटा, तू घर और बच्चों की चिंता बिल्कुल मत करना, मैं ही काफी हूँ इन सबको सम्भालने के लिए, देश और देशवासियों को तेरी जरूरत है, तू निश्चिन्त होकर अपनी ड्यूटी कर" । सासूमाँ की बातें सुन, रिया का मन भर गया और उसने कहा "मैं जानती हूँ "माँ, आप काफी हैं मेरे बच्चों को सम्भालने के लिए "।

सुनीता पवार

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Sunita Pawar

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