दीपावली

दीवाली पर एक कविता

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Sunita Pawar
Sunita Pawar 14 Nov, 2020 | 1 min read

हम दीपावाली यूँ मनायेंगे

दीप आशाओं के जगायेंगे

जगमग होगी कोने कोने में

घर ही नहीं दिल भी चमकायेंगे

रंग बिरंगे होंगे घर आँगन 

रंगोलियों को भर-भर सजायेंगे

महक उठेगा जग ये सारा

फूलों की माला हम बनायेंगे

आम-पत्तों की तोरण, बंधनवार,

कंदील दरवाजों पर लगायेंगे

बर्फी, जलेबी, रसगुल्ले, सोनपापड़ी,

मालपुआ ही मालपुआ तलते जायेंगे

माँ लक्ष्मी का वंदन होगा, 

रामजी का अभिनंदन होगा,

धूम धाम से प्रकाशोत्सव मनायेंगे

सबके चेहरों पर मुस्कान होगी

फुलझड़ियाँ भी जमकर चलायेंगे

घर की मुंडेर पर होगी दीपों की पंक्ति

एक दीप शहीदों के नाम जरूर जलायेंगे

हम दीपावली यूँ मनायेंगे

खुशियों के दीप जलायेंगे ।

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Sunita Pawar

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