सुशांत

श्रद्धांजलि

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Sunita Pawar
Sunita Pawar 14 Jun, 2020 | 0 mins read

सब कुछ छोड़ने से पहले एक बार गले मिल लेते ,

दिल में चुभते हुए दर्द को जोर जोर से बोल लेते,

अपने गमों पर, अपनी असफलता पर, अपने अकेलेपन पर ,

एक आखिरी बार खूब जी खोलकर ठहाके लगा लेते,

क्या कोई भी अपना न था यहाँ, किसी को तो आवाज़ देते,

पर ये जो हँसी थी न, इस हँसी को रोकने का हक़ किसी को न देते,

खुद को भी नहीं, कभी नहीं, हीरो थे हीरो की तरह तो जीते ।

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Sunita Pawar

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