वो तुम हो माँ #mothersday poetry challenge

माँ पर एक कविता

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Sunita Pawar
Sunita Pawar 09 May, 2020 | 1 min read


जहाँ सिर झुकाने से हर मन्नत पूरी हो  

वो खुदा और मंदिर

तुम हो माँ

जहाँ बेफिक्र लेट कर हर थकान मिटा लूं

वो मखमल सी गोदी

तुम हो माँ

जहाँ भूख मिटे जन्मों जन्मान्तर की

वो रोटी का निवाला खिलाती

तुम हो माँ

जहाँ गमों सी भरी इस धरा की प्यास बुझे

वो पहली बूँद की खुशबू

तुम हो माँ

जीने के लिए जो पल-पल की जरूरत है

वो प्राणों में साँसें भरती

तुम हो माँ

तुम हो माँ 

सुनीता पवार


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Sunita Pawar

meri_pankti-man_ke_vichar023h

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