#प्रकृति, वाक़ई सुंदर है! #EnviornmentDayContest

पर्यावरण और प्रकृति कितने सुंदर है, आप स्वयं अनुमान लगाए

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Manpreet Makhija
Manpreet Makhija 05 Jun, 2020 | 0 mins read

ऊँचे ऊँचे सुंदर पर्वत

बादलों को छू जाते है

बादलों को चीरती सूरज की किरणें

धरती की गोद मे समाती है

पहाड़ो से बहते झरने

जो मधुर शोर सुनाते है

मिलकर नदियों संग जो

कलकल गीत बन जाते है

हरी हरी दूब संग जो

रंग बिरंगे फूल खिल जाते है

यूँ लगता है जैसे नन्हे बच्चे

माँ के आँचल में मुस्काते है

ये मनमोहक मनोरम दृश्य

आँखों को सुकून पहुँचाते है

अहा, प्रकृति कितनी सुंदर है

हम


यही सोचते रह जाते है.......

मगर!!!!!!!!! अब.....

अब तो बस गगनचुम्बी इमारते रही

पर्वतों को तोड़ा जा रहा है

नित नए अनुसंधान और खोज के लिए

मानव आकाश तक कदम बढ़ा रहा है

मानव की जरूरत और करतूतों से

प्रदूषण ही फैलता जा रहा है

झरने बहना भूल गए

नदियों पर सूखा छा रहा है

हरियाली कहीं नजर नही आती

तबाही का दौर चलता आ रहा है

क्या प्रकृति वाक़ई सुंदर है!!

बस प्रश्न ही है, जिसका जवाब ढूँढा जा रहा है

स्वरचित व मौलिक

मनप्रीत मखीजा












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