Manoj Bishnoi
Manoj Bishnoi 29 Jul, 2022
जब तुम नहीं सुनते
"बड़ी अज़ीब है दास्ताँ ऐ दिल कहे न कहे असमंजस में है दिल बिन कहे वो समझते भी तो नही कुछ कहे बिन हम रहे भी तो नहीं। बरसती स्याही बूंदे ,ये अंधेरी रात उसको तकती नजरें , उलझते मेरे जज़्बात। एक पल में उसे छू लू वो बहती हवा वो मधुर धुन सी, रब की प्यारी रज़ा मैं बेताब सा...बयाँ अब किसे करूँ ? कुछ कहे बिन तुम बताओ कैसे रहूँ ? बड़ी अजीब है...गुफ़्तगू ऐ दिल किसे कहे ..किसे कहे बड़ी रंजिश में है दिल।"

Paperwiff

by manojbishnoi

29 Jul, 2022

#romi

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