गर्भपात

Miscarriage

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Manisha Bhartia
Manisha Bhartia 25 Dec, 2020 | 1 min read
Kumar sandeep

आज सुबह से ही  सुधा का मन बेचैन हो रहा था....,बार-बार मन रोने को कर रहा था......"क्योंकि बचपन से लेकर जवानी तक उसने ऐसा कोई भी महापाप नहीं किया था.... जिसके लिए उसे पछताना पड़े.... "हां छोटे-मोटे पाप किए थे.....जैसे अपने हिस्से की पानी पूरी खाने के बाद अपने भाई- बहन की पानी -पूरी में से दो और खा लेना....... मम्मी ने अचार बनाया....."तो कुछ अचार चोरी छुपे कोरा ही खा जाना, अपने दोस्तों का टिफिन खाना वगैरा वगैरा.....


" लेकिन आज वह जो करने जा रही थी......वह बहुत बड़ा महापाप था...... " यह वह अपनी इच्छा से नहीं कर रही थी.. बल्कि उसकी मजबूरी उससे यह सब करवा रही थी |


" सुधा को ब्याह कर आए हुए अभी 2 साल ही हुए थे...... आते के साथ ही साल भर के अंदर बबलु उसके पेट में आ गया...... " फिर बबलू 1 साल का भी नहीं हुआ उसने दूसरा गर्भ धारण कर लिया |



" ऐसा नहीं था कि वो दो बच्चों को एक साथ संभाल नहीं सकती थी.....लेकिन परेशानी यह थी.,... "कि उसके घर की परिस्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह दूसरे बच्चे की परवरिश का खर्च उठा सकें..... " क्योंकि उसके पति( सुरेश) जितना कमाते थे....उसमें बबलू का ही भरण-पोषण ही मुश्किल था...... लेकिन एक बच्चे को तो जन्म देना ही था .... क्योंकि बिना मां बने कोई भी औरत संपूर्ण नहीं कहलाती |


" और तो और समाज भी टिकने नहीं देता.....बांझ कह -२ कर ताने मारता हैं |



इसलिए उसने समाज की रीत को निभाने के लिए और माँ बनने के सुख की अनुभूति के लिए बबलू को जन्म दिया |


"लेकिन आज वो अपने शरीर के अंश.... अपने गर्भ में पल रहे सात दिन के बच्चे का गर्भपात कराने जा रही थी....... भले ही उसमें जीव नही पडा़ था...." क्योंकि वो भी जानती थी..... " सवा महीने के पहले बच्चे में जान नहीं आती...., क्योंकि वो तो पहले भी मां बन चूकी थी |


" लेकिन इन सब के बावजूद भी वो एक माँ थी..... " इसलिए बार-2 उसका मन उसकी कटुता पर रो रहा था.... " कि वो एक महापाप करने जा रही हैं | " फिर अपने मन को समझाकर और सबकी भलाई के लिए सोचकर उसने गर्भपात कराया |

क्योंकि वह यह भली-भांति जानती थी....अगर वह उस बच्चे को दुनिया में ले आई तो उसका भरण पोषण कैसे करेगी??उसे उच्च शिक्षा दीक्षा कैसे दिलाएगी?? 

बाद में उसे तिल -2 मरते हुये देखने से अच्छा हैं..... कि मैं उसे दुनिया में नहीं लाऊँ |

@ मनीषा भरतीया



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