इतनी भी क्या जल्दी है?

Story of father & daughter

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Manisha Bhartia
Manisha Bhartia 03 Jun, 2020 | 1 min read
Vinita dhiman Radha patwari vrindawani Babita khushwah

  • कितनी छोटी सी थी।, जब तुम्हारी मां तुम्हें जन्म देते ही इस दुनिया से चली गई। तुम्हारी बड़ी बड़ी आंखें, गुलाब की तरह के होठं , गोरा रंग बिल्कुल एक परी की तरह! " उस दिन एक बार तो भगवान पर से विश्वास ही उठ गया । " थोड़ी नाराजगी भी हुई भगवान इतना निष्ठुर कैसे हो सकता है।, एक छोटी सी मासूम बच्ची जिसने अभी-अभी दुनिया में कदम रखा है, दुनिया को देखा ही नही उससे कैसे उसकी मां छीन सकता है।," मैं कैसे अकेले इसकी परवरिश करूंगा इसके तो दादा- दादी भी नहीं है।, "की पालने में मेरी मदद कर दे। " फिर सोचा कि शायद भगवान ने पग-पग पर मेरा इंतिहान लेने की ठान ली है।, जिस तरह मेरे बचपन में मेरे मां-बाप को छीन लिया।," फिर मैंने अपने आंसू पूछें तुम्हें गोद में उठाया और अपने आप से वादा किया मैं अपनी बच्ची का मां-बाप दोनों बनूंगा।" इसे कभी भी इसकी मां की कमी महसूस नहीं होने दूंगा। सारा सारा दिन, सारी सारी रात, तुझे अपनी बाहों के झूले में रखता! रात को जब तक तुझे हाथों में लेकर नही झुलाता तूं नहीं सोती थी। तेरे लिए लोरी गाता, रात भर जाग जाग तेरी नैपीं चेंज करता! क्योंकि तूं गीले में रहे तुझे थोड़ी सी भी तकलीफ हो! तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता था। इतना ध्यान रखते रखते हुए भी जब तूं 6 महीने की हुई और बिस्तर में घूमने लग गयी। , एक दिन मैं किचन में कुछ काम कर रहा था।, और तुम धड़ाम से नीचे गिर गई! मेरी तो जैसे जान ही निकल गई शरीर में बस प्राण थे।, बाकी कुछ नहीं बचा! " वैसे तो मैं तेरे सोने के बाद ही सब काम करता था।, और उस दिन तुम सोई ही नहीं! मजाल है की तुझे एक खरोच भी आ जाए। क्योंकि मैंने अपने आप से वादा जो किया था। फिर धीरे-धीरे तूं बड़ी होने लगी। तुझे पालते पालते मुझे कभी एहसास नहीं हुआ की मेरी अपनी भी जिंदगी है। क्योंकि मैं तेरे लिए सौतेली मां नहीं लाना चाहता था। मुझे आज भी याद है जब तुम स्कूल जाती थी।, मैं तुम्हारी चोंटी बनाता था, बड़े प्यार से कहती थी ।, पापा आज फिर आपने मेरी चोंटी टेढीं बना दी! और मैं हमेशा की तरह एक ही बात कहता बेटा अगली बार ठीक से बनाऊंगा आज इसी से काम चला लो! और तुम प्यार से मुस्कुरा देती।

यह सब कल की सी बात लगती है जब तुम अपने नन्हे नन्हे कदमों से पापा - पापा कहकर मेरे पास भागकर आती! फिर गिर जाती।," और घंटो चुप नहीं होती। ,मेरी गोद में ही बैठी रहती। पता ही नहीं चला खुशी बेटा की वक्त पंख लगाकर कैसे उड़ गया।, आज तू इतनी बड़ी हो गई है कि तुझे विदा करने का वक्त आ गया, यह सोचने भर से की तू ससुराल चली जाएगी मेरा दिल कांप उठता है।, मैं खुद को बहुत अकेला महसूस करने लगता हूं।"सब से ज्यादा तकलीफ तो बेटा इस दिल में तब होती है जब तू कहती है, की पापा आज मैं अपने ससुराल गई थी ।,आपको पता है, मेरा घर बहुत बड़ा है पूरे 3 मंजिलें का है, मेरे कमरे से आसमान का नजारा बहुत अच्छा दिखता है, मम्मी जी ने फर्नीचर भी बिल्कुल मेरे पसंद का बनाया है, ऑथेंटिक और एंटीक! घर के बाहर एक बड़ा सुंदर सा लौन है। मम्मी जी , पापा जी सब बहुत अच्छे है, और हर्ष वो तो अभी से ही मेरा बहुत ख्याल रखते हैं। अब मेरी शादी में 20 दिन शेष बचे है। इतनीभी क्या जल्दी है बेटा!क्या ये घर तुम्हारा नहीं है? क्या मैं तुम्हारा ख्याल नहीं रखता? " 4 दिन पहले मिले हुये लोग तुम्हारे लिए इतनी अजीज हो गए।," मैंने सालों से जब तू छोटी सी थी, तब से तुझे नाजौं से पाला है। यह घर तेरी बचपन की यादों से सिमटा हुआ है। तेरा एक एक खिलौना,तेरे कपड़े बचपन से लेकर आज तक के सब मैंनें धरोघर की तरह सभांल कर रक्खे है। क्या तुम्हें मुझे और इस घर को छोड़कर जाने में इतनी सी भी तकलीफ नहीं हो रहीं।मैं जानता हूं, बेटा की इसमे एक तरफ मिलन तो दुसरी तरफ जुदाई है। " लेकिन क्या करू ! तुम्हें अपने से दुर करने के एहसास से ही मैं स्वाथीं हो जाता हूं। , कभी कभी बेटा इस बुढ़ढ़े से मिलने आएगी ना खुशी के पिता ने कहा! कहते कहते उनकी आंखों से आंसुं छलकने लगे! अपने पिता को इतना दुखी देखकर खुशी भी रोने लगी और कहां पापा आप गलत समझ रहे हैं। , आप की जगह कोई नहीं ले सकता।वह तो मैं बस घर देखने गई तो ऐसे ही बस आपको घर के बारे में बता दिया! मेरा इरादा आपको दुखी करने का नहीं था। आप अगर ऐसे रोयेंगें तो मैं शादी ही नहीं करूंगी! मैं थोड़े ही कहीं दूर जा रही हूं आपके बगल में तो हूं। आप कभी-कभी की बात करते हैं मैं तो हर हफ्ते ही आ जाऊंगी।

अरे बेटा चुप हो ज़ा मैंने तो तुझे भी रुला दिया! तेरी बातों से मेरे कलेजे में ठंडक पड़ गई। मुझे कोई चिंता नहीं है। मेरी बेटी आज भी मेरी ही है।

दोस्तो मेरी ये नयी और स्वरचित कहानी आपको कैसी लगी ! प्लीज जरूर बताइगा। मुझे आपके जबाब का इतंजार रहेगा।

अगर आप को मेरी कहानी अच्छी लगे तो लाइक और कमेंट और शेयर जरुर कीजिए। आप चाहे तो मुझे फॉलो भी भर सकते हैं।

आपकी अपनी

मनीषा भरतीया

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Manisha Bhartia

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