मर्द होने का अहम तुम्हारे अन्दर भी है!!

Equality

Originally published in hi
Reactions 0
414
Manisha Bhartia
Manisha Bhartia 23 Jul, 2022 | 1 min read



ओफ! हो राजीव इस बार फिर तुम्हारा चेक बाउंस हो गया और ₹600 तुम्हारे अकाउंट से कट गए| अगर तुम किश्त कटने के पहले अकाउंट में पैसे डाल देते तो ये नौबत नहीं आती| तुम्हें थोड़ा ध्यान देना चाहिए था| सारा दिन तुम कितनी मेहनत करते हो तब जाकर कहीं घर का घर का खर्च चलता है और लोन की किश्त जाती है|"


रीता के मुंह से यह सारी बातें सुनकर राजीव गुस्से से तिलमिला गया और गुस्से में उसने रीता से कहा कि रीता तुम कौन होती हो?? मुझसे इस तरह से बात करने वाली???

पैसे मेरे हैं.....मैं कमाता हूं....


"अगर मेरी गलती की वजह से ₹600 का जुर्माना लग भी गया तो इतनी सुनाने की जरूरत नहीं हैं... ..... एक बार गलती हो गई तो हो गई |

तब रीता ने कहा कि एक बार....


एक बार नहीं यह तीसरी बार हुआ है....... " यह सब तुम्हारी लापरवाही का नतीजा हैं... इसलिए मैं बस तुम्हें अगाह कर रही थी...... ताकि और एक बार ये गलती ना हो |


" और हां रही बात मेरी कौन होने की तो मैं तुम्हारी पत्नी हूं..... " पत्नी का मतलब होता हैं..... अर्धांगिनी, " मैं तुम्हारे शरीर का आधा हिस्सा हूँ|

" मैंने तो तुम्हें अपना समझ कर सिर्फ अगाह किया था ... "लेकिन अच्छा हुआ तुमने आज मुझे मेरी जगह बता दी |

" सिर्फ 5 साल हमारी शादी को हुए हैं .....और इन 5 सालों में तुमने 10 बार मुझे नीचा दिखाने की कोशिश की हैं...... कि मैं एक हाउसवाइफ हूं, कमाती नहीं हूं..... " इसलिए मेरा कोई वजूद नहीं है |

" फिर चाहे बच्चों के स्कूल का मामला हो, फ्लैट पसंद करना हो, किसी को कुछ देना हो, कहीं बाहर घूमने जाने का प्रोग्राम हो वगैरा-वगैरा....


हर बार तुम्हारे मर्द होने के अहम ने मेरे दिल को ठेस पहुंचाई है...

" शादी से पहले अच्छी आईटी कंपनी में मैं जॉब करती थी.... " लेकिन तुमने यह कह कर मुझे जॉब छोड़ने पर मजबूर कर दिया अगर हम दोनों कमाने के लिए बाहर निकल गए तो घर अव्यवस्थित हो जाएगा..... " क्योंकि मेरे माता-पिता इस दुनिया में नहीं है और एक बहन जिसकी भी शादी हो चुकी है...... घर में कोई तो होना चाहिए जो गृहस्थी को सुचारू रूप से चला सकें....



फिर शादी के बाद कल को हमारे बच्चे होंगे तो उन्हें कौन संभालेगा???

" तो मैंने कहा भी था कि तुम मेरे भाई और जीजा जी की तरह मुझे हर वक्त यह एहसास नहीं दिलाओगे ना कि मैं हाउस वाइफ हूंँ...." ओर पूरी तरह से तुम्हारे ऊपर निर्भर हूँ |

"और मैंने यह भी कहा था कि मैं अपनी दीदी और भाभी जैसी बिल्कुल भी नहीं हूंँ...."कि तुम्हारी बातों को दिल से नहीं लगाऊंगी....


" तब तुमने कहा था कि जानू हमने प्रेम विवाह किया है मैं हमेशा तुम्हें पलकों पर बिठा कर रखूंगा..... " एक मर्द होने का अहम कभी हमारे रिश्ते के बीच नहीं आएगा |

लेकिन शादी के तुरंत बाद ही तुमने मुझे एहसास दिला दिया की भाई , जीजा और तुममे कोई फर्क नहीं हैं....  " जिस तरह वो अपनी अपनी बीवी को हर वक्त ताना मारते हैं छोटी-छोटी बातों पर और मर्द होने का अहम जताते हैं वही तो तुम भी कर रहे हो |



तुम कहते हो कि मैं तुम्हारे भाई और र्जीजा जैसा बिल्कुल भी नहीं हूं लेकिन कहीं ना कहीं तुम्हारे अंदर भी मर्द होने का अहम है..... " ये बात तुम क्यों नहीं मान लेते |

मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती | पांच साल का वक्त कम नहीं होता.... अब बस और नहीं!

" मैं फिर से नौकरी ज्वाइन करना चाहती हूँ..... वैसे भी पढ़ी- लिखी हूँ.... गंवार नहीं हूँ |

" जो तुम्हारे ताने सुनूगीं|


" रीता के मुंह से यह सब सुनकर राजीव ने रीता से माफी मांगते हुए कहा, रीता मुझे माफ कर दो|


" गुस्से में मैं कुछ ज्यादा ही वोल गया.... आगे से ऐसा नहीं होगा |

तो रीता ने कहा कि नहीं राजीव बहुत हो चूका.... " तुमने मेरे आत्मसम्मान को बहुत ठेस पहुँचाई हैं.... अब और नहीं|

अब रीता की बहस पर राजीव और भी ज्यादा भड़क गया और कहने लगा रीता तुम अपनी हद में रहो ऐसा भी क्या कह दिया मैनें जो तुमने आसमान सर पे उठा लिया, कहा ना हो गयी गलती.... " तुम्हें नौकरी नहीं करनी मतलब नहीं करनी|



" तो रीता ने कहा की ये तुम्हारा आखरी फैसला हैं...... तो राजीव ने कहा हां.... तो रीता ने कहा मेरा भी आखरी फैसला सुन लो मैं नौकरी करूगीं मतलब करूगीं |

" तो राजीव ने कहा तुम इस घर से जा सकती हूँ....... " क्योंकि अगर रहना हैं..... " तो मेरे हिसाब से चलना होगा |

" तो रीता ठीक हैं कहकर दोनों बच्चों को लेकर जाने लगी..,. तो राजीव ने फिर टोकते हुये कहा की बच्चों को कंहा ले जा रही हो...तो रीता ने कहा मुझसे मेरे बच्चे मत छीनों |


मैं इनके बिना नहीं रह सकती |

तो राजीव ने कहा बच्चे चाहिए तो तुम्हें यही रहना होगा |

तो रीता ने रोते-2 कहा वो तो कभी नहीं होगा |


ठीक है तुम अभी मुझे मेरे बच्चों से दुर कर रहे हो ना, लेकिन ज्यादा दिन दुर नही रख पाओगे..... मैं बहुत जल्द कोर्ट से बच्चों की कस्टडी अपने हाथ में ले लूगीं|

ये कहकर रोते-2 वो वहां से चली गयी | आपको क्या लगता है कि अगर कोई औरत हाउसवाइफ है तो इसका मतलब उसकी कोई इज्जत नहीं होनी चाहिए | उसकी पसंद या नापसंद नहीं पूछनी चाहिए और अगर वो गलत के खिलाफ आवाज उठाये तो उसे बेइज्जत कर वही चुप करा देना चाहिए|



क्या सिर्फ इसलिए की वो एक औरत है और उसका कोई वजूद नही हैं????

दोस्तों कैसा लगा आपको मेरा ब्लॉग कमेंट करके जरूर बताईयेगा | आशा करती हूँ कि आपको पसंद आयेगा |


पसंद आये तो प्लीज इसे लाइक और शेयर करना ना भूलें |

धन्यवाद


@ मनीषा भरतीया

0 likes

Published By

Manisha Bhartia

manishalqmxd

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.