हाउसबाइफ नही होममेकर

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Manisha Bhartia
Manisha Bhartia 12 Apr, 2022 | 1 min read
Indu shail

नीलिमा मेरी लाल रंग की फाइल कहां है??प्लीज जरा जल्दी से ढूंढ दो ऑफिस में आज प्रेजेंटेशन है..मुझे देरी हो रही है... नीरज ने अपनी पत्नी नीलिमा से कहा..... जी अभी देती हूं..... यही तो आप आपके कबर्ड में पड़ी थी ...आप भी ना कभी ठीक से नहीं देखते.... और यह क्या नीरज फिर से आपने गिला टॉवल बेड पर रख दिया मैंने कितनी बार कहा है गीला टॉवल बेड पर मत रखिए.... रस्सी पर डाल दिया कीजिए.. बेड गीला हो जाता है.... यही नहीं रोज गंदे मोजे भी आप रूम में ऐसे ही इधर उधर फेंक देते हो...उन्हें वॉशरूम में रखा करो .....कितनी बार कहा है कि कोई भी चीज जहां से उठाओ वहीं पर करीने से रख दिया कीजिए..... कही कंघी पडी़ है, तो कही हेयर ऑयल. ....


लेकिन आपके कान पर जूं तक नहीं रेंगती.........तब नीरज ने कहा मैं यह सब क्यों करूं तुम हो तो यह सब करने के लिए वैसे भी तुम दिन भर करती क्या हो... एक हाउसवाइफ ही तो हो बस सुबह का जरा सा काम करने के बाद तो दिन भर बिस्तर ही तोड़ना है.....



जब से शादी हुई है तब से 7 साल से वह यह सब सुनती आ रही थी कि तुम हाउसवाइफ हो..... उसे बहुत चोट पहुंचती थी ....लेकिन उसने कभी भी इस बात का विरोध नहीं किया.... यह सोच कर कि कभी तो नीरज उसे समझेंगे.....


पर जाने क्यों आज वह सोचने पर मजबूर हो गई क्या मैं सच में हाउसवाइफ हूं ???जबकि इस घर को बनाने के लिए मैंने शादी के बाद अपनी अच्छी खासी जॉब भी छोड़ दी.... सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक घर का काम करती हूं ....घर को व्यवस्थित करती हूं बच्चों को संभालती हूँ . उन्हें पढ़ाती हूँ...उन्हें स्कूल छोड़कर आने से लेकर लाने तक का जिम्मा भी मेरा ही है....सास ससुर की सेवा करती हूँ....फिर भी बोल चाल की भाषा में मैं हाउस वाइफ ही कहलाती हूं ....जबकि मैं हाउसवाइफ नही ... होममेकर हूँ...

जैसे ही वो सोच की निद्रा से बाहर निकलती है.... तभी उसकी सास आ जाती है.... और उससे उसकी उदासी का कारण पूछती है.... तब वो कहती है.... नही मम्मी जी कुछ नही... तब उसकी सास( शान्ति देवी) कहती है.... बेटा मै सिर्फ तुम्हारी सास नही बल्कि माँ भी हूँ .... बता मुझे क्या हुआ??

नरेश ने तुझसे कुछ कहा... वो नहीं सुधरेगा..

इन मर्दो को सबक सिखाना बहुत जरूरी है... इन्हें लगता है कि हम हाउसवाइफ है तो हमारा काम ही क्या है जबकि इन्हें पता नहीं की हम हाउसवाइफ नही...हम हाउस मेकर है....मकान को घर हम ही बनाते है.... इन्हें समझ में नहीं आता क्योकि हम काम के बदले कोई चार्ज नही लेते... बेटा अगर तुम्हेँ अपनी अहमियत बतानी है... तो तू 2 दिन के लिए मायके चली जा... और हाँ घर जैसे अव्यवस्थित है.... उसे वैसे ही रहने दे... ठीक मत करना... बाकी सब मैं सभांल लूगी...



शाम को जब नीरज घर लौटता है...तो देखता है कि सारा घर अव्यवस्थित पड़ा है... उसके कमरे में जगह-जगह सामान बिखरा पड़ा है ...नाश्ते की प्लेट और चाय का कप भी वही बेड पर पड़े हैं... गीला टॉवल बेड पर पड़ा गंधा रहा है... बच्चों के खिलौने हॉल में बिखरे हुए पड़े हैं.... यह सब देखते ही उसका माथा चकराने लगता है... और वो नीलिमा नीलिमा आवाज देने लगता हैं.... तब शान्ति देवी( माँ) आती और पूछती है क्या हुआ बेटा इतना शोर क्यों मचा रहे हो ??

नीलिमा घर में नहीं है क्या मां? ?

और घर इतना बिखरा हुआ क्यों है आज मेड नहीं आई क्या? ?

तब शांति देवी ने कहा कि बेटा नीलिमा घर पर नहीं है वह अपने मायके गई है.... मेड आई तो थी.... लेकिन वह इतना काम थोड़ी ना करती है...वो तो जल्दबाजी में जैसा तैसा काम करके भाग जाती है.... उनसे खड़े रहकर काम करवाना पड़ता है...और उनके साथ खुद भी काम करना पड़ता है.... मेरे पैरों में तो बेटा इतनी जान नहीं कि मैं खड़ी रह सकूं और घुटनों के दर्द से मुझे ऐसे ही बहुत परेशानी रहती है.... खेर तुझे कुछ चाहिए... हां एक कप चाय मिल जाती तो... हां बेटा अभी लाती हूं... 10 मिनट बाद शांति देवी चाय लेकर आई...यह ले बेटा चाय....

सिर्फ चाय माँ, नीलिमा तो चाय के साथ कुछ स्नैक्स भी बनाती है...अब बेटा मेरी तो बूढ़ी हड्डियों में इतना दम नहीं कि मैं इतना कुछ कर सकूं आज तो तू चाय से ही काम चला ले... शांति देवी की बात सुनकर नीरज के पापा साकेत जी हंस रहे थे .....


दूसरे दिन सुबह नीरज लेट उठा...क्योंकि उसे नीलिमा ही जगाती थी.. और उसे देरी हो रही थी....नीलिमा जल्दी नाश्ता दो मुझे लेट हो रही है.... तब शांति जी ब्रेड बटर और चाय लेकर दाखिल होती है कमरे में.... तब नीरज ने कहा मां यह क्या ब्रेड बटर ....नीलिमा तो पराठा सब्जी और डिजर्ट सब कुछ देती है... .. अच्छा माँ लंच तो तैयार है ना.... नहीं बेटा मुझसे इतना नहीं हो पाता एक काम कर तू आज लंच बाहर ही कर लेना....

वैसे माँ नीलिमा कब आएगी सुबह हो गई कल गई थी अभी तक नहीं आई?? बेटा 2 दिन के लिए बोल कर गई थी....

और इस बार वह मुझे बिना बताए ही चली गई. ..

तभी बच्चों के कमरे से बच्चों के चिल्लाने की आवाज आती है.... तब नीरज ने पूछा मां बच्चे अभी तक स्कूल नहीं गए? ? तब

शादी देवी बोली अरे बेटा तुम्हें तो पता है कि दोनों बच्चों पिंकी और बबलू को बहू ही स्कूटी पर छोड़कर आती है.... बेटा तू इतना उतावला क्यों हो रहा है उसे बुलाने के लिए वैसे भी तू तो कहता है कि वह कुछ करती ही नहीं....


अरे मां मुझसे गलती हो गई मैंने नीलिमा को हमेशा हाउसवाइफ ही समझा लेकिन असल में तो वह होममेकर है..... वह कितनी सुचारू रूप से सब काम करती है फिर चाहे घर को व्यवस्थित करना हो,बच्चों को पढ़ाना , उन्हें स्कूल छोड़ना, स्कूल से लाना.... आप लोगों का ख्याल रखना , मेरी जिम्मेदारी सबकुछ...

उसकी तो 24 घंटे की ड्यूटी होती है.... मेरा क्या है मुझे तो संडे छुट्टी मिल जाती है लेकिन उसे तो कभी छुट्टी नहीं मिलती ...होली हो दिवाली हो या वीकेंड हो...कभी भी नहीं...बल्कि छुट्टी में उसके काम ओर बढ़ जाते है..... लेकिन मुंह पर पर बिना किसी शिकन के हर्ष ओर उल्लास के साथ वह सारा काम करती रहती है..... मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई.... मैंने हमेशा उसका अपमान किया ....मैं उसे लेने जा रहा हूं.... उससे अपने किये की माफी भी मांग लूगां.... और उसके कहे अनुसार हर समान को करीने से रखकर घर को व्यवस्थित करने में उसकी मदद भी करूगां....


शान्ति देवी मन ही मन मुस्कुरा रही थी.... कि उसकी चाल कामियाब रही...

नीरज नीलिमा को बापस ले आया... और उसने उससे माफी भी मांगी...

आज नीलिमा के जिन्दगी की नयी सुबह थी.... क्योंकि आज उसे अपने घर में वो सम्मान मिल गया था.... जिसकी वो हकदार थी...



दोस्तों यह अक्सर प्राय घरों में होता है की हाउसवाइफ को इज्जत नहीं दी जाती जबकि हाउसवाइफ ही घर की होम मेकर होती है.... जो कि 24 घण्टे चकरघिन्नी की तरह घुमती है.... और पुरे घर की जिम्मेदारी उस पर होती है....

आपकी इस बारे में क्या राय है??

जरूर दीजियेगा....

कहानी पसंद आई हो तो इसे लाइक कमेंट और शेयर करना मत भूलिए....और हां मुझे फॉलो जरूर कीजिए


धन्यवाद🙏

आपकी ब्लॉगर दोस्त

@ मनीषा भरतीया

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