पूजा बेटा आज जरा ऑफिस से जल्दी आ जाना...... तुम्हें देखने लड़के वाले आ रहे हैं....... पारुल जी (पूजा की मां) ने पूजा से कहा!
अरे मां आपसे कहा ना मुझे लड़का देखने में कोई इंटरेस्ट नहीं है..... बस आप देख लेना लड़के को मेरी फोटो तो दिखा ही दी आपने... उन्हें में पसंद हूं ना..... बस किसी भी रिश्ते को फाइनल करने से पहले यह देख लेना कि लड़का पैसे वाला होना चाहिए |
गंजा हो, बदसूरत हो, सब चलेगा! अरे बेटा यह तू कैसी बातें कर रही है.....कहां तू इतनी सुंदर और तेरा होनेवाला पति गंजा और बदसूरत... .... कैसे उसके साथ जीवन निर्वाह करेगी??? अभी तुझे समझ में नहीं आ रहा बाद में तू पछताएगी | यह मैं अपने तजुर्बे से कह रही हूं....बेटा, खाली पैसे के पीछे क्या भागना|
लड़का खाते पीते घर का हो तो क्या दिक्कत है? ? मां दिक्कत है आप नहीं समझोगी!!
बचपन से लेकर जवानी तक मैंने अपना जीवन अभाव में गुजारा है....... जब 8 साल की थी ....तो पापा इस दुनिया से चल बसे |, आपने लोगों के घर खाना बनाकर किसी तरह से पढ़ा लिखा कर मुझे पाल पोस कर बड़ा किया हैं |
16 साल की हुई तब से पढ़ाई के साथ साथ काम कर रही हूं..... मैं अब थक चुकी हूं|
8 साल से काम कर रही हूं .....फिर भी अपनी एक भी ख्वाहिश पूरी नहीं कर पाई!!
और ऊपर से मेरी सुंदरता मेरी जान की दुश्मन बन गई है... कहीं भी पीछा नहीं छोड़ती |
इसी चक्कर में कितनी कंपनी बदल ली...... लेकिन हर जगह मेरे कलिग मुझे ऐसे आंखें फाड़- फाड़ कर देखते हैं....जैसे मैं उनकी जागीर हूं |
इतना ही नहीं हर दिन मेरे साथ छेड़खानी करते रहते हैं..... लेकिन मजबूरी है ....कि मैं काम नहीं छोड़ सकती! क्योंकि अगर काम छोड़ दिया तो किराए के पैसे, घर का खर्च ,बिजली बिल, सब कैसे भरूंगी |
अब क्या इस उम्र में भी आपको काम करने भेजूं बताइए???
लड़का पैसे वाला होगा तो आपकी बेटी राज करेगी..... और रही बात गंजे या बदसूरत की तो कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है.....सर्व सुख किसी को नहीं मिलते | और
वैसे भी मां शादी उससे करनी चाहिए जो आपसे प्यार करें ना कि उससे जिससे आप प्यार करते हैं...... और साथ ही साथ उसे मेरी हर शर्त भी मंजूर होगी|
, और मेरी शर्त यह होगी कि मैं जहां भी जाऊंगी आपको साथ लेकर ही जाऊंगी|, और तो और वो आपकी बेटी से दीवानों की तरह प्यार करेगा.... हर ख्वाहिश पूरी करेगा...... आपको भी पूरी इज्जत और सम्मान देगा |, क्योंकि सुंदर बीवी के रूप में मुझे पाकर उसकी इच्छा पूरी हो जाएगी |
वही अगर मैं किसी गरीब या मध्यमवर्गीय लड़के से शादी करती हूं..... तो कुएं से निकल कर खाई में गिरूगीं |, यहां भी गरीबी की चक्की में पीसी हूं ....वहां भी पीसूंगी |, वहां भी सुबह 9:00 से रात 7:00 तक ड्यूटी और ऊपर से घर का सारा काम|
और तो और मुझे आपको भी छोड़ कर जाना होगा जो मुझे गंवारा नहीं है |
अब क्या राय है मां आपकी सब सुनने के बाद?? बेटा जैसा तुम ठीक समझो इतनी तो बड़ी और समझदार तो तुम हो ही गई हो कि अपना भला बुरा समझ सको!! लेकिन एक बात कहना चाहूंगी..... बेटा कि तू मेरी चिंता मत कर मैं अपनी देखभाल कर सकती हूं...... मेरे लिए अपनी जिंदगी मत खराब कर!
नहीं माँ ऐसी बात नहीं है...मैं यह आपके लिए नहीं अपने लिए कर रही हूं..,.. इसलिए अब आप ज्यादा सोचिए मत लड़के वाले आने वाले हैं ......उनके स्वागत की तैयारी में लग जाइए |
मुझे देर हो रही है मैं जाती हूं| अब पारुल जी अपनी बेटी के कहे अनुसार रिश्ते देखने लगी...... ज्यादातर रिश्ते मध्यमवर्गीय परिवार के ही आ रहे थे | , देखते देखते गुप्ता जी के लड़के पंकज को देखने के बाद उनकी तलाश पूरी हुई |, लड़का देखने में गंजा तो नहीं लेकिन मोटा और काला था |
दोनों परिवारों में बातचीत हुई और चट मंगनी पट ब्याह हो गया | अपनी शर्त के अनुसार पूजा अपनी मां को शादी वाले दिन ही अपने साथ ले गई. .... पंकज पूजा को बहुत प्यार करता था......दुनिया की हर चीज उसके कदमों में थी.... ऐसी कोई भी ख्वाहिश नहीं थी जो अब बाकी थी..... ऐशो आराम, नौकर -चाकर सब कुछ था .... बिल्कुल महारानी की तरह जीवन व्यतीत कर रही थी.... और तो और पंकज( पूजा का पति) अपनी (सासू मां) पारुल जी को अपनी मां समझता और उनका बहुत सम्मान करता | पूजा बहुत खुश थी .....लेकिन एक कसक मन में कहीं ना कहीं थी.... जब भी वह अपने पति को अपनी सहेलियों से मिलवाती तो वो कहती कि पूजा तेरी तो जोड़ी बेमेल है.... तू तो पैसों के नीचे दब गई. .... और कहीं भी पंकज के साथ जाने में उसे शर्म महसूस होती जब वह दूसरे कपल की टक्कर की जोड़ी देखती .....तो उसे अपनी मां की कही बात याद आ जाती . .... लेकिन फिर वह अपने मन को समझा लेती |..... जो मेरे पास है ... वो उनके पास नहीं है|
दोस्तों आपको क्या लगता है पूजा ने सही किया? ?? आपसे अनुरोध है, कि अपनी प्रतिक्रिया कमेंट करके जरूर बताएं |, और मेरी अन्य कहानियां पढ़ने के लिए मुझे फॉलो करना ना भूलें |
स्वरचित
आपकी दोस्त....
@ मनीषा भरतीया
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