Manisha Bhartia
Manisha Bhartia 12 Nov, 2022
तनहाई
हमेशा यही सोचती थी तुम नही होते तो मेरा क्या होता तनहाई ने जैसे जकडा़ होता क्योकि जबान की साफ होने के कारण किसी को मेरी दोस्ती रास नही आई पर तेरे प्यार की कश्ती हमेशा साथ पाई फिर एक दिन तुम मुझे बिना बताये बीच मझदार में छोड़ कर चले गये छा गयी जीवन में तनहाई ही तनहाई फिर नही बचा था मेरे जीवन का कोई मकसद तभी दिल ने कुछ लिखने की ललक जगाई और कलम हाथ में उठाई देखते देखते पता ही नही चला कब कलम साथी बन गई मेरी तनहाई की

Paperwiff

by manishalqmxd

12 Nov, 2022

#Topicfreecontest

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.