Mamata
Mamata 25 Apr, 2022
नारी
ऐ नारी तुझमे दुनिया सारी फ़िर भी कहती दुनिया तुझे बेचारी रूप एक है काम अनेक तेरे उठ जाती है सुबह सबेरे घर की चिन्ता में जीवन बीता फ़िर भी कोइ न तेरे लिये जीता तू अटूट प्रेम का बन्धन हाथों में सजते हैं कंगन पैरों में बेड़ी की डोरी बच्चों को सुनाती लोरी एक हाथ में कलम उठाये घर को सुन्दर स्वर्ग बनाये

Paperwiff

by mamata

25 Apr, 2022

नारी बीच दुनिया सारी

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.