ममता तो एक ही है

मा की ममता

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Madhu Tiwari
Madhu Tiwari 18 Oct, 2020 | 1 min read

शीर्षक - ममता तो एक ही है


जन्माष्टमी का भव्य मेला लगा हुआ था और सुनीता अपने बेटे माधव को कृष्ण बना कर ले गई थी। अचानक से माधव का हाथ छुटा और वो बिछड़ गया। रोते हुए सड़क पर आ गए माधव पर रुखसाना की नज़र पड़ी। पूछने पर माधव ने माँ से मेले में बिछड़ने की बात बताई। रुखसाना माधव को गोद में उठा कर मंच की तरफ बढ़ी तो उसे ख्याल आया की कहीं भीड़ द्वारा बच्चा चोर समझकर शिकार ना हो जाऊँ क्यूँकी पहनावा भी मेल नहीं खा रहा है। पर हिम्मत करके मंच तक पहुंची तभी जिसका अंदेशा था वही हुआ पर माधव की माँ दौड़ कर आई और उसे गले लगा लिया। जब माधव ने सारी बात बताई की कैसे आंटी ने यहां पहुंचाया तो सब शर्मिंदा हो गए।


-मधु तिवारी

वाराणसी

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