जीना यही है

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Madhu Kodanad
Madhu Kodanad 19 Sep, 2020 | 1 min read


जीना यहीं है, मरना यहीं है, जाने से पहले डरना नहीं है |

बेचैनियां है, बेताबियां है, जो भी सताए हिलना नहीं है ||


मुश्किलों की लहरों के आगे, भीतर से बाहर तक चट्टान बन जा |

खुशियां मनाएं या चिंता सताए, होठों पर बस एक मुस्कान बन जा |

स्वाभिमान का संकेत बनकर, अपने आप में एक अभिमान बन जा |

कमजोरियों को जड़ से निकालकर, तन मन से तुम एक बलवान बन जा | 


सच्चाई का रास्ता बहुत कठिन है, चलना है फिर भी कठिनाइयों में |

अच्छाइयों की जग में कमी है, भर ना है प्यार को हर एक दिल में |

अंधकार का ये बंधन को तोड़कर, आगे निकलना है पूरे विश्वास से |

 दो-चार दिन की यह जिंदगी है, जी भर के जी लो तुम अपने आप में |

                           - मधु कोडानाड

A small try to write in Hindi.

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Madhu Kodanad

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Comments

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  • Sampurna Sharma · 4 years ago last edited 4 years ago

    Very beautifully written Madhuji!!! Amazing!! ❤️👍🙌🙏

  • Madhu Kodanad · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thank you🙏

  • Sonia Madaan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Inspiring and so well penned

  • Madhu Kodanad · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thank you

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