आपके दिल में रहते हैं
सदैव दिल में रहना है
आप भी मेरे दिल में हों
आपसे कुछ कहना है
पापा ! आपसे कुछ कहना है।
बहुत अहसान किए हैं आपने, लफ्ज़ भी कम पड़ जायेंगें
आपके अहसानों का बदला, कभी चुका नहीं पायेंगें ।
बचपन में मेरे संग बच्चा बन जाना, घोड़ा बनकर पीठ पर चढ़ाना,
कभी छुप कर काम पर जाना और वापिसी में तोहफे लाना।
कभी जन्माष्टमी की झांकियां दिखलाना, कभी कंधों पर बिठा जलता रावण दिखलाना
कभी माँ संग नींद गवां मुझे सुलाना, मुझे जिताने के लिए खुद हार जाना ।
जीवन जीना क्या होता है आपसे सीखा है पापा
मुसीबतों के आगे चट्टान बनना आपसे सीखा है पापा
सपने बुनना आपने ही सिखलाया है पापा
मेरे सपनों को ही आपने अपना बनाया है पापा
सपनों को मेरे, कभी मुझसे रूठने नहीं दिया
जब कभी मैं थक कर हारा,मुझे टूटने नहीं दिया
हर चिंता की लकीरों को आपने ले लिया
हर ख़ुशी दे मुझे, मेरा हर दुख झेल लिया
बहुत प्यार पाया आपसे, आपकी छाया में बड़ा हो गया
दिखाना चाहता था मैं, पर दिखा नहीं पाया और धीरे-धीरे अपनी दुनिया में खो गया।
काश़ ! मैं बच्चा होता |
काश़ ! मैं बच्चा ही होता
न देखता तौर तरीका, न सीखता मैं सलीका
काश़ ! मैं बच्चा ही होता |
काश़ ! मैं बच्चा ही होता
जब कभी मैं तन्हा रोता , आपके सीने से लग गया होता
काश़ ! मैं बच्चा ही होता |
Happy Father’s Day ‘papa’
लक्ष्मी मित्तल
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