दर्द ही दर्द की दवाई है - कुमार आशू की ग़ज़ल

इश्क़ के दास्ताँ को समेटे हुए एक ग़ज़ल

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कुमार आशू
कुमार आशू 12 Oct, 2020 | 1 min read

"सीख यह ज़ीस्त ने सिखाई है..!

दर्द ही दर्द की दवाई है..!!


तुमसे उम्मीद थी बहुत लेकिन,

मेरी उम्मीद तुमने खाई है..!


दर्द, आँसू, घुटन, अकेलापन,

इश्क़ की बस यही कमाई है..!!


साथ तुम थे तो हम भी जिंदा थे,

बाद तेरे तो मौत आई है..!!


पहले मुझमें महज थी अच्छाई,

अब महज मुझमें बस बुराई है..!!


थी कभी मुझको भी अजीज बहुत,

आज जो जिंदगी पराई है..!!


- कुमार आशू

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कुमार आशू

kumarashupoetry

Comments

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  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    वाह!बेहद उम्दा

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