सच बताना - कुमार आशू की ग़ज़ल

कुमार आशू की ग़ज़ल और पढ़ने के लिए अन्य साइट पर जा सकते हैं Facebook - आशुतोष तिवारी 'आशू' Youtube - Kumar Ashu Poetry Website - www.kumarashupoetry.wordpress.com

Originally published in hi
Reactions 0
515
कुमार आशू
कुमार आशू 15 Sep, 2020 | 1 min read
Gazal

"मुकम्मल हो गया इक सिलसिला क्या, सच बताना..!

खतम दिल का हुआ अब फ़ासला क्या, सच बताना..!!


हमें तो इश्क़ तुमसे है ये मसला कुछ नहीं पर,

तेरे भी साथ है ये मसअला क्या, सच बताना..!!


मेरी नींदें सुकूँ दिल कुछ दिनों से लापता हैं..

तुम्हें इनमें कहीं कुछ भी मिला क्या, सच बताना..!!


मेरे तकिए नदी में तैरते हैं हिज्र के शब..

तेरी आँखों में भी है ज़लज़ला क्या, सच बताना..!!


तेरी हम चाँदनी सी दूधिया रुख़ पर फिदा थे,

तुम्हें भी था पसन्द यह साँवला क्या, सच बताना..!!


घुटन आँसू उदासी रतजगे करवट तबाही,

तेरे भी साथ है यह काफ़िला क्या, सच बताना..!!


- कुमार आशू

0 likes

Published By

कुमार आशू

kumarashupoetry

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    प्यारी रचना

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    प्यारी रचना

Please Login or Create a free account to comment.