जिन्दगी अपनों से भरी हुई है।
फिर भी हम उसके लिए भागते हैं जो अजनबी है।
आज कल सभी अपनों से कम नहीं है।
फिर भी हम उसके लिए जीना चाहते है जो अजनबी है।
अपने हमें दिल से अपनाते है।
फिर भी हम उसके लिए तरसते है जो अजनबी है।
अपने कभी एहसान नहीं करते।
फिर भी हम उस से उम्मीद करते है जो अजनबी है।
अपने हमें अपने-आप से जयादा प्यार करते है।
फिर भी हम उससे प्यार करना चाहते है जो अजनबी है।
बहुत किसमत वाले होते है वह लोग जिन्हें अजनबी भी अपना बनकर दिखातें है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
👍 nice
Thnq💓
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