बेवफ़ाई

मजबूरी जब प्यार पर भारी पर जाए

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Kavita Singh
Kavita Singh 23 Sep, 2020 | 0 mins read

कुछ मजबूरियां उनकी भी ज़रूर रही होगी

वरना इस ज़माने में वो मुझे अकेला ना छोड़ते

दूर होकर मुझसे वो मुझ पर अपनी नज़र ना रखते

हैरान हूं मैं उनकी इस बेवफ़ाई पर

क्यों बेवफ़ा बनकर भी वो मुझसे

बेवफ़ाई का रिश्ता नहीं रखते

भरी महफ़िल में जो कभी मिल

जाए उनसे नज़रें

अपनी छिपाती नजरों से

वो‌ मेरा दीदार ना करते।





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Kavita Singh

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