पैसा आएगा कैसे

अगर आपसे कोई कहे आपके पास बहुत सारा पैसा होगा बहुत सारा पैसा आ जायेगा तो आप क्या क्या करेंगे। आप सबसे पहले सपने देखना सुरु करेंगे अगर पैसा आ जायेगा तो आप क्या क्या करेंगे। क्या क्या खरीदेंगे कैसे कैसे खर्च करेंगे। लेकिन पैसा आएगा कैसे

Originally published in hi
Reactions 0
485
kaushlesh Patel
kaushlesh Patel 06 Sep, 2019 | 1 min read

अगर आपसे कोई कहे आपके पास बहुत सारा पैसा होगा बहुत सारा पैसा आ जायेगा तो आप क्या क्या करेंगे। आप सबसे पहले सपने देखना सुरु करेंगे अगर पैसा आ जायेगा तो आप क्या क्या करेंगे। क्या क्या खरीदेंगे कैसे कैसे खर्च करेंगे। लेकिन पैसा आएगा कैसे 



एक बार एक आश्रम में एक गुरु जी के पास शिष्य रहा करता था। और शिष्य जो था बड़ा आलसी था वो आज का काम कल पर कल का काम परसो पर टाला करता था। और गुरु जी को समझ नही आ रहा था कि शिष्य को समझाऊ तो समझाऊ कैसे एक दी गुरु जी के दिमांग में एक तरकीब आया।


और गुरु जी ने शिष्य से कहा कि मैं दो दिन के लिए आश्रम से बाहर जा रहा हु। और जाने से पहले तम्हे एक बात बता के जा रहा हु। तम्हे मैं एक कला पत्थर दे रहा हु और ये जो काला पत्थर है जादुई पत्थर है इस पत्थर से किसी भी लोहे की चीज को छुओगे तो वह सोने का हो जाएगा।


लेकिन याद रखना तम्हारे पास सिर्फ दो दिन का वक्त है काल साम के बाद सूर्यास्त के वक्त जब मैं वापस आऊंगा। तब ये काला पत्थर तम्हे मुझे लौटाना होगा। ऐसा बोल कर के गुरु जी वहा से चले गये। ये जो शिष्य था जो कि बड़ा ही अलसी था उसने सोचा कि आज का पूरा दीन है। कल का पूरा दिन है कर ही लेंगे।


जैसे ही शिष्य को पत्थर मिला वह सोचने सुरु कर दिया की मैं इस पत्थर से क्या क्या कर सकता हु। बहुत सारे लोहे को सोने में बदल दूंगा बहुत सारे सोने को बेच कर के सब कुछ खरीद लूंगा दुनिया की जो चीज चाहिए वो चीज मेरे पास होगी। वो ऐसे सपने देखने में शिष्य ने पूरा दिन निकाल दिया।


जब दूसरा दिन हुआ सूर्योदय हुआ तो उसने सोचा कि ह आज का आखरी दिन है। इसको मालूम था आज सांम को गुरु जी आ जाएंगे पत्थर हाथ से चल जायेगा। शिष्य ने सोचा कि दोपहर में जा कर के बाजार से लोहा खरीद लाऊंगा और इस काले पत्थर से छुउँगा सारा लोहा सोने में बदल जायेगा।


और फिर जो है मेरे सपने पूरे हो जायेंगे दोपर हुई तो उसने सोचा कि खाना खा लेता हूं उसके बाद जाऊंगा खाना खाया उसके बाद इसको सोने की आदत थी। फिर उसने सोचा कि थोड़ी देर आराम कर लेता हूं उसके बाद चला जाऊंगा शिष्य आराम करने लगा और इसको नींद ऐसी आयी वही सब सपने आने लगे।


फिर जब नीद खुली तो सूर्यास्त हो होने वाला था तुरन्त जगा और भागने लगा बाजार की तरफ बाजार के तरफ जा ही रहा था कि सामने से गुरु जी आ रहे थे। और उन्होंने कहा ही वक्त समाप्त हो चुका ये काला पत्थर मुझे लौटा दो जिंदगी में भी हमारे साथ यही हो रहा है।


हम सपने तो बहुत बड़े बड़े देखते है लेकिन उसे पूरा करने के लिए कुछ नही करते। दो दिन कोशिश करते और भूल जाते हैं चार दिन कोशिश करते ह और फिर भूल जाते हैं।


अगर आप अपनी जिंदगी में कुछ पाना चाहते है

जोश चाहिये और वो जोश और लगन कुछ इस तरह होना चाहिए जैसे Sachin Tendulkar का था। Sachin Tendulkar जिस दिन मैच नही होता था वो उस दिन भी Practice करते थे।

0 likes

Published By

kaushlesh Patel

kaushlesh

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.