एक चील का अंडा किसी तरह एक जंगली मुर्गी के घोसले में चला गया और बाकी अंडों के साथ मिल गया | समय आने पर अंडा फूटा चील का बच्चा अंडे से निकलने के बाद यह सोचता हुआ बड़ा हुआ कि वह मुर्गी है | वह उन्हीं कामों में करता, जिन्हें मुर्गी करती थी | वह जमीन खोदकर अनाज के दाने चुगता, और मुर्गी की तरह ही कुड़कुड़ाता। वह कुछ फिट से अधिक उड़ान नहीं भरता था, क्योंकि मुर्गी भी ऐसा ही करती थी | एक दिन उसने आकाश में एक चील को बड़ी शान से उड़ते हुए देखा | उसने मुर्गी से पूछा, "उस सुंदर चिड़िया का नाम क्या है?" मुर्गी ने जवाब दिया, "वह चील है | वह एक शानदार चिड़िया है, लेकिन तुम उसकी तरह उड़ान नहीं भर सकते, क्योंकि तुम तो मुर्गी हो |" चील के बच्चे ने बिना सोचे-विचारे मुर्गी के बात को मान लिया | वह मुर्गी की जिंदगी जीता हुआ कि मर गया | सोचने की क्षमता ना होने के कारण वह अपनी विरासत को खो बैठा | उसका कितना बड़ा नुकसान हुआ | जीतने के लिए पैदा हुआ था, पर वह दिमागी रुप से हार के लिए तैयार हुआ था |
इस कहनी का संदेस साफ है दोस्तों ,अधिकतर लोगों के लिए यही बात सच है | जैसा कि ओलिवर वेंडल होम्स(oliver wendall holmes) ने कहा कि हमारी जिंदगी का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि, "ज्यादातर लोग मन में कुछ करने की इच्छा लिए ही कब्र में चले जाते हैं|" हम अपनी ही दूरदर्शिता की कमी की वजह से बेहतरीन हासिल नहीं कर पाते |
अगर हम चील की तरह आकाश की बुलंदियों को छूना चाहते हैं तो हमको चील के तौर तरीकों को सीखना होगा | अगर हम खुद ही कामयाब लोगों के साथ जुड़ेंगे तो हम भी कामयाब हो जाएंगे | अगर हम चिंतको के साथ जुड़े गे तो चिंतित बन जाएंगे देने वालों के साथ रहेंगे तो देने वाले बन जाएंगे | अगर हम नकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहेंगे तो वैसे ही बन जाएंगे | जब कोई जिंदगी में कामयाबी हासिल करता है ,तो तुच्छा लोग उस पर कीचड़ उछालते हैं ,और उसकी टांग खींचने की कोशिश करते हैं | हम जब खुद को ऐसे लोगों से उलझने से बचा लेते हैं तो हम जीत जाते हैं | मार्शल आर्ट में दिखाया जाता है कि जब कोई हम पर हमला करें तो उसे रोकने की वजाए अपनी जगह से हट जाइए क्यों? इसलिए कि रोकने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है | उसका इस्तेमाल और बेहतर कामों के लिए क्यों न किया जाए तो लोगों से उलझने के लिए हम को उनके स्तर तक नीचे उतरना पड़ता है और वे यही चाहते हैं ,क्योंकि ऐसा करके हम उनमें से एक बन जाते हैं |
नकारात्मक लोगों को अपने मकसद में कामयाब मत होने दीजिए | को नीचे मत जाइए याद रखिए कि किसी आदमी का चरित्र केवल इस बात से नहीं आंका जाता कि वह कैसी सोहबत में रहता है, इस बात से भी आंका जाता है कि वह किन लोगों की संगत नापसंद करता है |
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