मोर मुकुट पीतांबर धारी
या हो खुदा -परवरदिगार।
मंगलमय है नाम तिहारो
बंधे एक डोर से सारा संसार ।।
दुखियों के दुख हरने वाले
योगीश्वर गिरधारी।
जाति -धर्म का भेद मिटा दो
नमन तुम्हें अधहारी।।
हिंसा- प्रतिहिंसा को तज दो
बैर- भाव सब त्यागो।
बलिदान हुए जो मातृभूमि पर
उन वीरों की खातिर.......
ऐसा भारत रच डालो।।
कामिनी सजल सोनी
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत सुंदर
Bahut badiya
Thanks vineeta ji 🙏
Thanks Babita ji 🙏
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