हमसफर

पहले प्यार के एहसास का वर्णन

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Kamini sajal soni
Kamini sajal soni 14 Jun, 2020 | 1 min read

अनजानी राहों मैं 

 बेगानी दुनिया में

एक अपना था कोई, 

एक सपना था कोई

उल्फत की राहों में, 

चाहत की आरजू में

मन में था कोई, 

सपनों में था कोई

एक अंजाने मोड़ पर

, यूं ही मुलाकात हुई

वह अजनबी था कोई,

 बस अपना सा लग गया

सच सपना सा लगा कोई

आंखों में बस गया कोई

बरसों बीत गए इंतजार में

चाहत के इकरार में,

 मुझ में समा गया कोई

टूट गए बंधन सारे, 

सच हो गए सपने सारे

अब जानी पहचानी राहों में

मेरा हमसफ़र है वह अजनबी

इन सजल आंखों में 

प्यार से प्यारा है वह अजनबी


सर्वाधिकार सुरक्षित (मौलिक)

कामिनी सजल सोनी

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Kamini sajal soni

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