मेरे कुछ दोस्तों ने था कहा,
क्यों तू बेगाना हो गया था ।
मैंने भी मुस्कुराकर था बोला,
मैं भी किसी का दीवाना हो गया था ।।
वो गुजरा हुआ कल ,
मुझे बड़ा ही अच्छा लगता था ।
उन बीते कल का हर पल ,
मुझे बड़ा ही सच्चा लगता था ।।
जब तक मुझे पता चला ,
मेरे साथ हो रहा है धोखा ।
तब फिर मुझे याद आया ,
मेरे अपनों ने पहले ही था टोका ।।
चलो जो हुआ वह अच्छा हुआ ,
मुझमें सम्भलने का हुनर तो आ गया ।
देर तक में ही सही मगर ,
सामने मेरे चलने का डगर तो आ गया ।।
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