देर तक में ही सही

आपको अंदर से हिला कर रख देगी ये कविता ❣️ ✍️K.N. Shukla (कमलनयन शुक्ल)

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Kamalnayan
Kamalnayan 17 Dec, 2019 | 0 mins read

मेरे कुछ दोस्तों ने था कहा,

क्यों तू बेगाना हो गया था ।

मैंने भी मुस्कुराकर था बोला,

मैं भी किसी का दीवाना हो गया था ।।

वो गुजरा हुआ कल ,

मुझे बड़ा ही अच्छा लगता था ।

उन बीते कल का हर पल ,

मुझे बड़ा ही सच्चा लगता था ।।

जब तक मुझे पता चला ,

मेरे साथ हो रहा है धोखा ।

तब फिर मुझे याद आया ,

मेरे अपनों ने पहले ही था टोका ।।

चलो जो हुआ वह अच्छा हुआ ,

मुझमें सम्भलने का हुनर तो आ गया ।

देर तक में ही सही मगर ,

सामने मेरे चलने का डगर तो आ गया ।।

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