कुछ चर्चायें

कुछ चर्चाएं हम सभी से ---

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Kamalnayan
Kamalnayan 21 Jan, 2020 | 1 min read

ये जिंदगी भी क्या जिंदगी है ,कोई कहता है कि अपना कर्म करो फ़ल की चिंता मत करो और कोई कहता है कि आगे क्या सोचा है। समझ मे नहीं आता कि अपने कर्म पर ध्यान दूं या अपने लक्ष्य पर। आधा जीवन तो बस इसी सोच पर निकल जा रहा है ।

आज जब घर से बाहर निकला तो देखा शहर में कई कोचिंग मेले की दुकानों की तरह खुले हैं , हर एक चौराहे पर कोचिंग मिल जाती हैं ,कोई upsc की तैयारी करवा रहा है तो कोई iit की ।

कोचिंग वालों का दावा रहता है कि " आपको 100 प्रतिशत सफलता की गारंटी " ।

जब कोई तैयारी करो तो बीच मे आरक्षण नाम की दीवार अवरोधक बन जाती है ।

फिर से वही अपना लक्ष्य हार जाता है ,कर्म पर से भी विश्वास उठ जाता है ।

मेरा तो यही मानना है कि हम सब अपने अपने मन के अनुसार चलें , जो हमको पसन्द हो वही करें ,किसी के कहने पर कोई निर्णय कभी भी नहीं लेना चाहिए ।

अगर किसी के कहने पर कोई चलेगा तो वो कभी भी सफल नहीं होगा ।।

अगर सचिन तेंदुलकर किसी के कहने पर चलता तो वो आज न तो डॉक्टर , न तो इंजीनियर बन पाता और न ही "सचिन तेंदुलकर " बन पाता ।।

आप सभी अपनी क्षमता के अनुसार काम करें , जो आपके मन को अच्छा लगे वही करें ।

धन्यवाद 🙏

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