आत्म प्रेम

आत्मप्रेम सिखाता है कि जिंदगी खुद की ही हैं तो उसे जियो खुद के लिए।

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Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 10 Sep, 2020 | 1 min read
Self love Love

मैं अतरंगी हूं मैं हूं सतरंगी,

करती हूं मै सब अपने मन की,


जो चाहूं तो उठा दू आसमां,

जो ना चाहूं तो भीगी बिल्ली सी,


करना मुझको अपने मन का,

ना सुनती हूं मैं दुनियादारी,


रखलो अपने ख्याल अपने अंदर,

मैं हूं मस्त मलंग मल्हारी,


कहते है मुझको सब जिद्दी,

हां करती मन की हूं बड़बोली,


जो दिल खुश हो वो काम करूं,

वरना बातों की उड़ाती मैं तितली।

ज्योति अग्रवाल


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Jyoti agrawal

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