परिधान

परिधान एक सांस्कृतिक पोशाक जो कि संस्कृति से परिचय कराने और खूबसूरती को निखारने का काम करती है

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Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 08 Jun, 2020 | 1 min read

ये सजी-धजी लड़की कौन खड़ी हैं।

इसकी सूरत तो लंबे घूंघट में छिपी हैं।।

हाथों में चूड़ा है और ये क्या बाजूबंद भी हैं।

गोर से देखा उसके हाथों को मेहंदी लगी हैं।।

चलती हैं जब वो घर के आंगन में ठुमक कर।

एक मीठी पायल की आवाज कानों में पड़ी हैं।।

लहंगा चोली और वो हल्का सुंदर काम का दुप्पटा

वो खूबसूरत परिधान में गजब ही दिख रही हैं।

देखा जो उठाके घूंघट उस अप्सरा का।

नाक में नथली और मांग टीके से सजी है

आंखो में डाला हैं गहरा काला काजल।

लाली लगे होठों पर मधुर मुस्कान दिखी हैं।।

कानों के वो झुमके और गले में पहना वो सुंदर हार।

फिर देखा उसके ललाट को वह एक बिंदी मिली हैं।।

ज़रा चाहा हैं पहनना ज्योति ने इस परिधान को ।

देखो तो हम दोनों पर सबकी आंखें टिकी हैं।।

ज्योति अग्रवाल

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Jyoti agrawal

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