इक अरदास

Ek ardas h ab to raah dikha

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Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 30 May, 2020 | 1 min read

यह दरख्वास्त है मेरी तुझसे ओ परवरदिगार 

रखदे हाथ सिर पर तू हमारे

जिंदगी आसान चल रही है माना ,

पर कुछ राहगीरों की मुश्किल मिटा दे।


कुछ पर इल्जाम लगा है अहसानफरामोशी का 

कुछ अहसान के नीचे दबते जा रहे 

अब तो बता इंसान चुने कौनसा रास्ता ।


बन अब्र वो अब सामने गरजने को तैयार है 

अब दे संकेत ऐसे की बदल जाए उनका कारवां।


ज्योति अग्रवाल




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Jyoti agrawal

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Comments

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  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    ईश्वर प्रार्थना स्वीकार करें आपकी

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