स्कूल हो कॉलेज हो या हो कोचिंग,
जहां भी हम हमारे दोस्तो के साथ जिंदगी के
बेहतरीन पल, खूबसूरत यादें बिताते है वो याद आते ही है।
याद आती है वो सारी मस्तियां जो हम साथ में किया करते थे,
याद आती है वो सारी गलतियां जिसके लिए दूसरे को डांट पड़ती थी,
अब तो याद आती है वो मार भी जो होमवर्क पूरा नहीं करने पर पड़ती थी ,
कोचिंग की वो ग्रुप स्टडी का सिलसिला ही कुछ और था,
पूरा टाइम पढ़ने के बाद दोस्त ही तो घर का दूसरा नाम था।
कॉलेज की जिंदगी तो निराली ही होती है दोस्तो के साथ ,
नए नए शौक करने का मन हो जाता है,
छुट्टियां ही सही उसमे भी कुछ का विडियोकॉल आ जाता है।
कॉलेज के साथ हॉस्टल लाइफ भी आ ही जाती है,
और वहां सबमें एक दादी तो एक मा के रोल में होती है,
बहुत याद आती है वो जिंदगी जो दोस्तो के साथ गुजरी हैं।
ज्योति अग्रवाल
Comments
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सुंदर रचना।पूरी यादें तरोताज़ा हो गई
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