योगा :- सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार एक योगासनों का समूह है। जो अत्यंत लाभदायक है।

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Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 18 Jun, 2020 | 1 min read
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सूर्य नमस्कार


सूर्य नमस्कार सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण योगाभ्यास माना जाता है।

यह योगा १२ के क्रम में होता है जिसमें ६ दो क्रम में होते है एक चक्र को दाहिने पैर से दूसरे चक्र को बाहिने पैर से किया जाता है।


लाभ :-


सूर्य नमस्कार पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।

शरीर को लचीलापन प्रदान करता है।

मस्तिष्क और मन को शांति एवम् ऊर्जा प्रदान करता है।

शारीरिक बल को बढ़ाने में सहायक होता है।

शरीर को निश्चित आकर में रख स्वस्थ रखने में सहायक होता है।


ध्यान रखने योग बातें

सर्य नमस्कार को प्रातकाल पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना श्रेष्ठ बताया गया है।

सर्य नमस्कार दैनिक दिनचर्या से निवृत होकर ही किया जाना चाहिए तथा पर पूर्णतया खाली होना चाहिए ।

इसे संध्य काल में भी कर सकते है पर पेट खाली होने का ध्यान रखना आवश्यक है।


सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका


1. प्रणामासन (Pranamasana - The Prayer Pose)




सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।


2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana - Raised Arms Pose)




पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं।


3. पादहस्तासन (Padahastasana - Standing Forward Bend)




अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।


4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana - Equestrian Pose)





धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।


5. दंडासन (Dandasana - Staff Pose )


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अब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं।


6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara - Eight Limbed pose or Caterpillar pose)




अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं। इस अवस्था में रहें और सांस को रोकें।


7. भुजंगासन (Bhujangasana - Cobra Pose)




अब हथेलियों को जमीन पर रखकर पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर को पीछे आसमान की ओर जितना हो सके झुकाएं।


8. अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana - Downward-facing Dog Pose)




इसे पर्वतासन भी कहा जाता है। इसके अभ्यास के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें।


9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana - Equestrian Pose)




धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़े और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।


10. पादहस्तासन (Padahastasana - Hand Under Foot Pose)




अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।


11. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana - Raised Arms Pose)




पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आप आधे चांद का आकार बनाएंगी। इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है।


12. प्रणामासन (Pranamasana - The Prayer Pose)





सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।




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Jyoti agrawal

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