वो पेड़

Sonnet type of poetry writing , Ek ped kat chuka hai bejan hai pr kisi ke jeene ka sahara bhi h

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Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 05 Aug, 2020 | 1 min read
Tree

बेजान पड़ा हैं यह माना ,

लेकिन जान अभी भी बाकी है

सुख चूका हैं कटकर माना,

पर काम आना अभी बाकी हैं।।

जब तक खड़ा था कदमों पर,

देता था छांव और फल फूल भी।

अब जब पड़ा है जमीन पर,

सुख जाने पर जलकर देता आंच भी।।

देखा नज़ारा एक बहुत खूबसूरत,

उगे है कटी जड़ों पर कई फूल।

देख कर उस बेजान की सूरत,

मालूम चला वो बनने का रहा था धूल।।

यह पेड़ हैं जो दिल से जी गए,

मरकर भी जिंदगी तो से ही गए।

ज्योति अग्रवाल

Insta id :- Jyotiagrawal_m

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Jyoti agrawal

jyotiagrawal_m

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    Sundar

  • Sonia Madaan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Well penned

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