Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 19 Jun, 2020
मोहल्ले वाला प्यार
तू नज़रों के सामने होता है फिर भी तुझे नज़र भर देख नहीं सकती , यह मेरा कैसा इश्क़ है जिसे मैं खुलकर कर नहीं सकती । पर नज़रे चुरा चुराकर तेरा दीदार करती हूं, परिंदे को भी ना लगने दी खबर आखिर मैं तुझसे इतना प्यार करती हूं।।

Paperwiff

by jyotiagrawal_m

19 Jun, 2020

जब एक दूसरे का दीदार छिप छिप कर होता है।

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