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यह रामायण के उस दृश्य पर आधारित है जब सबरी श्री राम का इंतजार करती थी

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Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 01 May, 2020 | 1 min read

वो रोज लाती थी चुनकर फल बागों से,

इंतेज़ार करती थी कभी तो आए वो इन राहों से।

रोज फल चख - चख कर लाती थी ,

सोचती थी जब आएंगे खिलाऊंगी मेरे हाथो से।

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Jyoti agrawal

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