कितना बचकाना पन है ना,
जो ऐसे सामने आया है ,
जब वक़्त है पढ़ने खेलने का ,
लॉकरूम बनाया है ,
बच्चे बच्चे के मन में घर कर गया
जिस्म को खिलौना बनाया है।
हो लड़के हो चाहे हो लड़कियां ,
अब सारा खेल सामने आया है,
खूबसूरती तो भूल गए सब ,
अब जिस्मानी भूत सर चढ़ आया है।
अभी तक करते थे लड़के भद्दे मजाक
लड़कियों ने उन्हें यहां भी हराया है,
एक मासूम से लड़के को आपसी
दुश्मनी के चलते ऐसे जिलद मौत सुलाया है।
लडको ने छोड़ी है कौनसी कमी यहां,
लड़की को खिलौना बनाया है,
विकसित तकनीकी को उन्होंने ,
दिमागी गंध का रोग लगाया है।
जब सबको इतना खूबसूरत बनाया
भगवान ने तो तुम क्यू नुक्स निकालते हो।
उसकी बनाई इंसानी मूरत पर
खुद की सोच की मोहर लगाते हो।
ना जाने कितने ही मासूम
इस सोच का शिकार हुए,
जो उम्र थी होने कि आबाद ,
उस उम्र में को सब बर्बाद हुए।
तुम जो करते हो बातें करो मना नहीं,
पर सीमा का तो ध्यान रखो,
वो भी है एक इंसान ही
कम से कम इंसानियत का तो मान रखो।
लड़का लड़की को गलत ठहराना
बंद करो गलती कहा हुई उस पर ध्यान करो।
सोशल मीडिया का ऐसे तो
गलत मत अब इस्तेमाल करो ।
ज्योति अग्रवाल
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