दिनचर्या
हम दिन प्रतिदिन जो भी कार्य करते है वो हमारी दिनचर्या में शामिल होने लग जाता है ।
जैसे कि स्नान , भोजन ,निंद्रा आदि।
स्नान :- स्नान का भी व्यक्ति के जीवन में एक विशेष महत्व है। प्राचीन काल से ही हम सुनते आए है कि ब्रह्म मोहरत में नहाना चाहिए अर्थात् सूर्य निकलने से कुछ क्षण पूर्व।
इसके पीछे एक तथ्य छिपा हुआ है कि ब्रह्म मूहर्त के समय वातावरण में सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध रहती है इस समय टहलने से दिमाग को स्फूर्ति मिलती है और स्नान करने से शरीर में एक नई ऊर्जा का प्रसार होता है साथ ही में स्नान के साथ ही सूर्य भगवान को जल समर्पित करने का प्रावधान है कहा जाता है कि सूर्य की जो किरणे उस जल से गुजर कर हम तक आती है वो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभकारी होती है।
भोजन :- भोजन तो हर जीव के जीवन का विशेष भाग होता है जो संघर्ष है जीवन में वो भोजन के लिए है । परंतु भोजन को सही वक़्त सही मात्रा और उचित प्रकार से करने पर ही वो अमृत कि तरह रहता है वरना भी भोजन कई बीमारियों को जन्म देने की क्षमता रखता है।
निंद्रा :- नींद का भी एक अपना महत्व है ऐसा पाया गया है कि पूरे दिन भर में शरीर में जितनी भी कोशिका की क्षति होती है वो रात्रि में विराम अवस्था में पूर्ण की जाती है तथा नए दिन को पूर्ण ऊर्जा से शुरू करने की शक्ति भी मिलती है
कुछ कार्य हमारे स्वास्थ्य के अच्छे होते है जो हमें नई ऊर्जा प्रदान करते है और अपने काम को करने की प्रेरणा देते है। वहीं कुछ कार्य अनजाने में हमारे ही स्वास्थ्य को खराब कर हमारे शरीर को विकृत करने का कार्य करने लग जाते है।
हमे मालूम भी नहीं होता है और हमारी की हुए कुछ गतिविधियां या कह सकते है कि कोई गतिविधियों की कमी हमारे जीवन और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालने लगा जाती है।
अगर हमे स्वस्थ और निरोगी जीवन जीना है तो यह अनिवार्य है कि हम हमारी दिनचर्या का भी पूर्ण तरीके से ख्याल रखे ।
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