सच्ची ख़ुशी

सच्ची ख़ुशी का पर्दाफाश

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Juhi Prakash Singh
Juhi Prakash Singh 11 Mar, 2022 | 1 min read

सच्ची ख़ुशी का रहस्य तेरे अंतर में ही छिपा है,

मालिक से सिर्फ मालिक को मांगेगा जो तू तो यह रहस्य पर्दानशीं न रह पायेगा ।

जब वे मिल गए तुझे तब मांगने को कुछ न रह जाएगा,

जब ऎसा हाल हो जायेगा तेरा तो अंतर में सुखों का अनंत सोता खुल जायेगा ।

चाहतों का सिलसिला थम जायेगा स्वतः तब तेरा,

निराशा की परछाइयों से चिर उजाले में तू आ जायेगा

चिर उजाला तेरे चित्त में जब छा जायेगा ।

तब अंतर की धुन को सुनकर के दुखों की चीख पुकार को सदा के लिए बिसार जायेगा,

ऐसे तू मालिक का निज बंदा हो जायेगा ।

मालिक के निज बन्दों की गिनती में अपने को पायेगा,

उनका निज बंदा बन  तू उनका निज प्यारा कहलायेगा।

निज प्यारा जो तू है तो सच्ची ख़ुशी का खज़ाना तेरा हो जायेगा,

दुःख, क्लेश औऱ परेशानी सभी से चिर निजात पा जायेगा ।

तू अजर अमर हो जाएगा


-©️जूही प्रकाश सिंह

Insta id- @juhi.prakashsingh

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