आया फाल्गुन आयी होली ,
अपने साथ लायी रंगों से भरी झोली।
आया फाल्गुन आयी होली,
प्रेमी ने प्रेमिन से खेली श्रृंगार रास की होली।
आया फाल्गुन आयी होली,
प्रेम के रंगों से भर दी साजन ने सजनी की अंतर्मन की चोली ।
आया फाल्गुन आयी होली,
सजनी रंगी अपने साजन के रंगों में औऱ उसी की हो ली ।
आया फाल्गुन आयी होली
हर गोपी अपने किसना की बन राधा उसकी हो ली।
आया फाल्गुन आयी होली, किसना ने रुक्मिणी से खेली रंगीली होली औऱ वे भी उन्ही की हो ली ।
आया फाल्गुन आयी होली,
अंतरात्मा ने अपने परमात्मा से दिव्य प्रेम की खेली होली,
समाई पूरी उनमें औऱ पाकर उनका अमर प्रेम अनंत पूर्ण हो ली ।
©️जूही प्रकाश सिंह Insta;@juhi.prakashsingh
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