मेरे दिल की बात होठों पर आए
इसके पहले ही वह सब समझ जाए
दिलो - दिमाग अगर हो बहुत परेशान
सोने जैसी खरी सलाह उसकी मिटा दे सभी मुश्किलों का नामो-निशाँ
महीने के अंत मैं कॉलेज के दिनों होती अक्सर जेब खर्च की तंगी
बस कहने की देर होती, हो जाती दुबारा खाली जेब मेरी पैसे की खनखनाहट से भली-चंगी
जिम्मेदारियों के तले जब भी झुके मेरे कंधे
बोझा अपने कन्धों पर ले कर कर दिया हलका उसने
न देखा उसने कभी मेरा ओहदा,न दिया गौर समाज
में उड़ती अफवाहों पे
उसने बस देखी मेरा वफ़ा और प्रेम से ओतप्रोत ह्रदय,
जानती है वह की मैं जान छिड़कता हूँ उसपे
अपनी सहभागिता और स्नेह से कर दी ज़िन्दगी मेरी उसने हसीन
बना लिया मुझे अपना कायल, बन गयी है अब वह मेरी जानशीन
शुरू हुई थी दोस्ती से हमारी यह सुन्दर कहानी
न पता चला कब बदली इश्क़ में दोस्ती हमारी
बस यही जानता हूँ की बन गयी है अब वो मेरी जीवनसंगिनी और बन गयी है खुशनुमा यह ज़िंदगी
भाग्यशाली हूँ मैं की मेरी परम सहेली है मेरी प्रेमिका और जीवन-साथी
है चित्त प्रसन्न, समझतीं हैं हर बात वह मेरे मन की
अब नहीं रहता दिल पर बोझ और ना होती कभी कोई अनमनी
अनोखा है ये तेरा- मेरा प्यार
दोस्ती ,वफ़ा और बेपनाह मोहब्बत से है जीवन की बगिया मेरी-तेरी हमेशा इंद्रधनुषी रंगों से गुलज़ार
- जूही प्रकाश सिंह
Insta- juhi.prakashsingh
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