Juhi Prakash Singh
Juhi Prakash Singh 23 Jun, 2021
कागज़ की कश्ती
मेरी ज़िन्दगी की कागज़ की कश्ती बह रही थी बिल्कुल बेलगाम अब संभल संवर गयी है जब से तुमने डोर ली है उसकी थाम

Paperwiff

by juhiprakashsingh

23 Jun, 2021

#कागज़ की कश्ती

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