बारिश
बारिश का जो मौसम आया, सबका मन है हर्षाया l फूल खिले और उपवन फूले, लग गए सावन के झूले l कोयल कूक रही डाली-डाली, सखियाँ नाच रहीं मतवाली l कण-कण में खुशियां है समाई, खेतों में फसलें लहलहाई l बिखरी हरियाली जो चारों ओर, नाच रहा जैसे हर इक मन का मोर l
Paperwiff
by jaya5