Jaya
04 Jul, 2022
तोहफा अनमोल
आँगन में था जो मेरे वो नीम का पेड़, खेलती थी नीचे जिसके मैं सारे खेल l बड़ी हुई मैं उसकी दोस्ती के साथ, थामा उसने भी निःस्वार्थ मेरा हाथ l औरों की तरह ना करता कभी शिकायत, सुनता मेरी हर अच्छी बुरी चाहत l उसकी दोस्ती का था ना कोई मोल, वही तो था दोस्ती का तोहफा अनमोल l
Paperwiff
by jaya5
04 Jul, 2022
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