राष्ट्रीय युवा दिवस

आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ! उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत (उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत।) ~ गौरव शुक्ला'अतुल'

Originally published in hi
Reactions 0
507
Jahaji sandesh
Jahaji sandesh 12 Jan, 2022 | 1 min read
#National_Yuth_Day Jahajisandesh

कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली कायस्थपरिवार में 12 जनवरी 1863 को नरेंद्रनाथ दत्त का जन्म हुआ ! 

बचपन से ही ईश्वर और आस्था से नरेंद्रनाथ दत्त को उतना ही लगाव था जितना कि उस उम्र के बच्चों को खिलौने व खेल से ! और जब ग़ज़ब की प्यास लगी हो तो प्यास भी विशालकाय पेयजल से ही मिटती है ।

1871 में मात्र आठ साल की उम्र में ही उन्होंने ईश्वरचन्द्र विद्यासागर मेट्रोपोलिटन संस्थान में दाखिला लिया और वहीं अपनी विद्या ग्रहण की लेकिन 1877 में परिवार सहित नरेंदनाथ दत्त भी रायपुर चले गए और वापस कलकत्ता दो साल बाद वापस आये उसी दौरान इन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज प्रवेश परीक्षा में फर्स्ट डिवीज़न अंक प्राप्त करके सबको चौंका दिया।

नरेंदनाथ दत्त बचपन से ही प्रतिभाशाली रहे । धर्म ,अध्यात्म , दर्शन , विज्ञान ,कला व संगीत में इनका विशेष ज्ञान रहा !

लेकिन मूल रूप से नरेंदनाथ दत्त अध्यात्म की ज्यादा झुके और इनकी भेंट इनके गुरु श्री रामकृष्ण देव जी हुई और इनसे काफ़ी प्रभावित हुए और अंततः ये जाना कि 'सारे जीव स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व है !' इनके गुरु के मृत्यु के बाद इन्होंने वृहद पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा किया ब्रिटिश भारत की वर्तमान स्तिथि को परखा और ज्ञान अर्जित किया !

बाद में विश्व धर्म संसद 1893 ने भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए संयुक्त राष्ट्र अमेरिका जाने वाले थे उस दौरान इनके पास यात्रा के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं थी सहयोग के रूप में राजपूताना खेतड़ी ने इनके सारे खर्चे व सहयोग की रक़म चुकाई और साथ ही साथ धर्म सम्मेलन में जाने से पूर्व राजा ने नरेंदनाथ दत्त को विवेकानंद नाम का सुझाव दिया और नरेंदनाथ दत्त ने इस प्रस्ताव को सहज स्वीकार कर लिया तभी से नरेंदनाथ दत्त स्वामी विवेकानंद के नाम से जाने जाने लगे ( प्रसिद्ध फ्रांसिसी लेखक रोमां रोलां की किताब 'द लाइफ ऑफ़ विवेकानंद एंड द यूनिवर्सल गोस्पल' में से) और फिर इन्होंने अमेरिका ,यूरोप और इंग्लैंड में हिन्दू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया । 


इन्हीं के जन्मदिवस पर आज पूरे देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है क्योंकि स्वामी विवेकानंद जी न केवल अध्यात्म से जुड़े हुए हैं बल्कि युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं ! उनकी कही गई हर एक बात में अनगिनत प्रश्नों के जवाब छिपे हुए हैं जिसे पूरे भारत वरन समूचे विश्व के युवा इनके विचारों को पढ़ने व अनुशरण करने के लिए तत्पर है।


आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !


उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत 

(उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत।)


~ गौरव शुक्ला'अतुल' 

0 likes

Published By

Jahaji sandesh

jahajisandesh

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.