Jahaji sandesh
27 Aug, 2021
इंतज़ार
हम अभी भी हर रातों में एक उम्र काटते हैं,
हर दफ़ा मोबाइल में बड़े आस से झांकते हैं
थकी रहती हैं आँखे दिन भर तुम्हारी याद में,
आओगी कभी न कभी इसी आस में हम रोज जागतें हैं।
Paperwiff
by jahajisandesh
27 Aug, 2021
याद
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