हाहाकार धरा पर मच रही, संकट में हैं जान
आकर राह दिखा भगवान
इक वायरस ने दाव पे रखदी, देखो कितनी जान
आकर राह दिखा भगवान
1) आया समय बड़ा ही भारी, चहुँ ओर फैली बीमारी
कौन उठाए जिम्मेदारी, जाए कहां जनता बेचारी
देव दूत भी हार गए अब, कौन करे कल्याण
आकर राह दिखा भगवान
2) ऑक्सीजन की कमी हो गई, कितनी सांसें बंद हो गईं
सबकी ही तो नींद खो गई, त्राहि त्राहि सब ओर हो गई
लाशों के हैं ढेर लगे, ये विश्व बना शमशान
आकर राह दिखा भगवान
3) तेरी करनी आगे आई, मानव तूने अति मचाई
कौन करेगा अब भरपाई, धरती की तूने नींव हिलाई
कर दिया तहस नहस सब खुद ही, अब बनता अंजान
आकर राह दिखा भगवान
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