Indu Verma
07 Jul, 2021
मुस्कुराहटें लौटेंगीं
होगा फिर से नया सवेरा, निशा घनेरी ना होगी।
कांँटों भरी राह ना होगी, पथ पर कलियांँ फिर होंगी।
तेरी हिम्मत रंग लाएगी, धरती फिर से मुस्कायेगी।
नैनों से ना नीर बहेगा, मुस्कान लबों पर फिर होगी।
Paperwiff
by induverma
07 Jul, 2021
मुस्कुराहटें लौटेंगीं
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