तेरो नगरकोट स्थान... स्थान..., पीपळ म भवानी झूल रही....(२)
शीश मईया के टीका सोहे... (२) , तेरी नथली रतन जड़ाव...
पीपळ म भवानी झूल रही... (तेरो नगरकोट...)
कान मैया के कुंडल सोहे... (२), तेरा हरवा रतन जड़ाव...
पीपळ म भवानी झूल रही... (तेरो नगरकोट)
हाथ मईया के चूड़ला सोहे....(२), तेरी गूठी रतन जड़ाव....
पीपळ म भवानी झूल रही.... (तेरो नगरकोट)
कमर मईया के तगड़ी सोहे...(२), तेरा सटका रतन जड़ाव...
पीपळ म भवानी सोहे रही.... (तेरो नगरकोट)
पांव मईया के पायल सोहे...(२), तेरे बिछवा रतन जड़ाव...
पीपळ म भवानी झूल रही... (तेरो नगरकोट)
कमर मईया लहंगा सोहे..., अंग मईया के चोली सोहे..., तेरी चुनरी रतन जड़ाव...
पीपळ म भवानी झूल रही....
तेरो नगरकोट स्थान.... स्थान... , पीपळ म भवानी झूल रही...
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत सुंदर
अरे वाह, बहुत सुंदर
Thank u Babita ji n Vineeta Ji🙏🙏😊
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